बाली को जिला बनाने की मांग हुई तेज,संघर्ष समिति ने धरना देकर दिया ज्ञापन

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बाली को जिला बनाने की मांग को लेकर बाली जिला बनाओ संघर्ष समिति के बैनर तले ऐडवोके हिरसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में भारी संख्या में बाली उपखंड मुख्यालय पर धरना देकर हस्ताक्षर युक्त उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जिला बनाने की की मांग।
समिति सदस्य सूजाराम चौधरी ने बताया की उपखंड कार्यालय के बाहर बाली को जिला बनाने की मांग को लेकर दिए गए धरने को संबोधित करते हुए एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित ने कहा कि यदि बाली जिला बनता है तो आमजन किसान आदिवासी क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को सबसे बड़ा फायदा होगा। और इन सभी को करीब सौ किलोमीटर दूर जाना नहीं पड़ेगा और यहां उनको सुविधा मिल सकेगी।https://web.archive.org/web/20230604195826/https://youtu.be/iYK2HovF-H8

वहीं प्रस्तावित बाली जिले में 6 नगरपालिका है। जिसमे बाली,फालना,सादड़ी,रानी,सुमेरपुर,तखतगढ़ पूर्व में प्रस्तावित है। सबसे बड़े धार्मिक स्थल,जिसमे रणकपुर,परशुराम कुंडधाम,सोनाणा खेतलाजी,आशापुरा माता,नाडोल,जैन स्वर्ण मंदिर फालना,निंबेश्वर महादेव मंदिर,चामुंडा माता मंदिर मुंडारा,रता महावीर,मुछाला महावीर,जवाई बांध,हिंगलाज माता मंदिर जैसे पर्यटक व धार्मिक स्थल भी जिले के पूर्व में प्रस्तावित है।
हीरसिंह राजपुरोहित ने बताया की यदि बाली जिला बनता है। तो एडीएम कोर्ट,चार तहसील,चार उपखंड,तीन उप तहसील,चार पंचायत समितियां,121 ग्राम पंचायत को सिधा फायदा होगा एवं वर्तमान में कई जिलों से बाली सबसे बड़ा है।

राजपुरोहित ने ज्ञापन में बताया कि बाली सांस्कृतिक भौगोलिक दृष्टि से गोडवाड नाम से जनविख्यात है। इस क्षेत्र की पृथक ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत है।इसलिए बाली को जिला बनाना सबसे उचित है।
साथ ही स्थानीय जनता पिछले कई वर्षों से संघर्षरत हैं, नये जिलो के पुनर्गठन हेतु बनी कमेटी को भी हमारे व विभिन्न संगठनों की ओर से मांगपत्र पूर्व में दिया जा चुका हैं, तथा बाली को जिला बनाने के तमाम दस्तावेज हमारी समिति द्वारा कमेटी को प्रस्तुत किये जा चुके हैं। जिलो के पुनर्गठन की कमेटी ने इस संदर्भ में अपनी जाँच भी कर ली थी हाल ही में 19 जिलों की घोषणा में बाली को जिला नहीं बनाने से क्षेत्र की जनता में भारी निराशा व आकोश भी हैं सभी मापदण्ड पुरे करने के बावजुद भी हमारे बाली जिला की घोषणा नहीं होने से क्षेत्र के आमजन के साथ भारी अन्याय हुआ हैं तथा इस क्षेत्र की विकास की गति को रोक दिया गया हैं, जो न्यायहित में नहीं हैं।कार्यक्रम का संपूर्ण मंच संचालन विक्रम सिंह सोलंकी बाली द्वारा किया गया।
इस मौके पर अन्य कई वक्ताओं ने भी सभा को संबोधित कर बाली को जिला बनाने की मांग रखी और रैली के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर बाली को जिला बनाने की मांग।
भारी संख्या में क्षेत्र के ग्रामीणो जनप्रतिनिधि एवं वकील मंडल ने लिया भाग जिसमें विक्रम सिंह सोलंकी,भरत चौधरी,विजय राज चौधरी,अमृत परिहार,इंदु चौधरी,लखमाराम मेघवाल,शैलेंद्र सिंह चौहान, गिसूलाल,मेघवाल,विक्रमादित्य राजपुरोहित,राकेश फौजदार,ओम दवे,सुलेमान टॉक,कमल श्रीमाली,राम किशोर गोयल,जगदीश परिहार,नरपत सिंह राजपुरोहित,भूपेंद्र सिंह जोधा,करण सिंह सरपंच,जोधाराम चौधरी,श्रीपाल राजपुरोहित,प्रवीण प्रजापति,महेंद्र परिहार,राजा जोशी,गणपतलाल चौधरी,दुदाराम चौधरी,सूजाराम चौधरी,विश्वेंद्र सिंह कुंपावत,भूपेश परिहार ,सकाराम देवासी,शक्ति सिंह चौहान,चुन्नीलाल,नरेंद्र सोलंकी,समुंदर सिंह,दिनेश माथुर,नरेश शर्मा,टीकाराम भाटी,प्रवीण भंडारी,अजय पाल सिंह जोधा,नरपत सिंह दुधनी,सुरेश सेन सेसली,प्रदीप चौधरी,महिपाल सिंह,फुलेस प्रजापत,प्रवीण सिंह,जीवाराम चौधरी,राजेंद्र सिंह,रविंद्र सिंह राव,मनोहर पुरी,हिमांशु सोनी सहित विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारी जनप्रतिनिधि अधिवक्ता एवं आमजन भारी संख्या में मौजूद रहे ।

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