बोईसर : राज्य के मुख्यमंत्री शहर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शरीक हुए । मुख्यमंत्री के दौरे पर एक ही दिन सही पर जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय ग्राम पंचायत तक मुश्तैद नजर आई । जिले के अधिकारी,नेता,कर्मचारी मानो सभी के सभी बिजी नजर आ रहे थे,सभी दौगुणी रफ्तार में ईमानदारी से काम मे जुटे नजर आ रहे थे ।
बोईसर के जिस रूट से मुख्यमंत्री का काफिला गुजरना था वहां के मार्ग की साफ सफाई की गई थी,एक दिन के लिए ही सही पर सड़के चमक रही थी,कही कुछ टूटी फूटी थी वहां भी मरहम लगा दिया था । सड़क के किनारे जो गाड़ियां पार्क होती थी वहां की सड़कें भी खुली खुली नजर आ रही थी । बोईसर-चिल्हार मार्ग पर मान से लेकर खेरेपाड़ा तक डिवाइडर के बीच कटने वाले मार्गों पर सोलर सिग्नल भी रातोरात लगाए गए ।
दिखावे से क्षेत्र को नुकसान
इस दिखावे की नीति से बाहर निकलकर वास्तविक काम पर फोकस होना चाहिए,अगर स्थानीय प्रशासन दिल व मन से काम करे तो अपने क्षेत्र को विकसित कर एक अच्छा उदाहरण पेश कर भी मुख्यमंत्री का दिल जीत सकते है ,क्योकि हर राज्य के मुख्यमंत्री का सपना होता है कि उनका राज्य आगे बढ़े व जनता को कोई तकलीफ नही हो पर इन सपनो को बिना लोकल प्रशासन के पूरा नही किया जा सकता है । अगर मुख्यमंत्री किसी क्षेत्र का दौरा करते है तब स्थानीय प्रशासन अपने कॉलर टाइट करने में उनके सामने इतनी चकाचौंध पेश कर देते है कि राज्य का मुख्यमंत्री तो वास्तविकता से अनजान ही रह जाता है । यह जनता व क्षेत्र के भविष्य के लिए अच्छी बात नही है । इन चीजों से कभी कभी सरकार से मिलने वाले फायदे से भी वंशीत रह जाते है ।
यह पुरानी परंपरा है
अक्सर देखा गया है पहले भी ऐसा होता आया है मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ जाता है। सारा काम छोड़ कर दौरे वाले शहर की साफ सफाई और अगर किसी सरकारी ऑफिस का दौरा हो तो कार्यालयों के जीर्णोद्धार का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाता है। जिला प्रशासन अपनी नाकामी का कई जगह पर्दे डालने की कोशिश करती नजर आती है। हालांकि इस तरह के यात्राओं से कई गांव गली का विकास तेजी से हो जाता है।