पालघर : भगवान एक बार घर पहुंचा दें, बस कुछ और नहीं चाहिए। पाकिस्तान की जेलों में बंद मशुआरो के परिवारों का दुख दर्द जो उनको बोलते भी नही बन रहा है ,ऐसी पीड़ा जो खुद के गले मे आकर रुक जाती है व बताने पर आंखे छलकने लग जाती है । इसी बीच एक सकून भरी खबर सामने आई है ।
गुजरात राज्य में मंगरुल-वेरावल में नावों पर काम कर रहे पालघर जिले के 30 से अधिक नाविक पाकिस्तान की हिरासत में हैं और उनमें से पांच को मंगलवार को रिहा कर दिया गया।
इनकी हुई वतन वापसी
दिसंबर 2019 में, जयवंत पालकर (39) जितेश पालकर (19), अर्जुन दावरे (31), जितेश दिवा (20) और विलास कोंधारी (32), जो मंगरुल क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर काम करते थे, जिन्हें पाकिस्तान तट रक्षक ने हिरासत में लिया था। अभी इन्हें छोड़ दिया गया और मंगलवार शाम को तलासरी तालुका के आमगाँव पहुंचे। गांव पहुंचते ही इनकी खुशी देखते ही बन रही थी ।
पाकिस्तान तट रक्षक द्वारा नाविकों के रूप में काम करने के लिए जाते समय नाव पर सवार नाविकों को हिरासत में लिया गया था। अन्य यात्रियों के परिवारों ने भी सरकार से उन्हें रिहा करने का अनुरोध किया है।
शीघ्र रिहाई के संकेत दिए थे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने
पालघर जिले के 23 मछुआरों के प्रत्यावर्तन के संबंध में स्थानीय सांसद राजेन्द्र गावित द्वारा दिये ज्ञापन के जवाब में केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया था कि पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय मछुआरों के संबंध में सरकार कूटनीतिक माध्यमों से अपनी बात को लगातार उठाती रही है। मिली जानकारी के अनुसार, 07 मछुआरों वाली मछली पकड़ने वाली नाव शुद्धता कृपा व 09 मछुआरों को ले जाने वाली मत्स्य गंधा नामक एक अन्य नाव को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने अपने कब्जे में लिया था। जैसे ही इन भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं की गिरफ्तारी के बारे में सूचना मिली, इस मामले को पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ उठाया गया। लगातार प्रयासों के परिणामस्वरूप, 20 फरवरी 2023 को इन मछुआरों की भारतीय राष्ट्रीयता के आधार पर पुष्टि की गई थी और पाकिस्तान सरकार को अवगत करा दिया गया था । इस्लामाबाद में एचसीआई नियमित रूप से पाकिस्तान सरकार से इन 23 मछुआरों सहित पाकिस्तान की हिरासत में सभी भारतीय मछुआरों की जल्द से जल्द रिहाई और प्रत्यावर्तन सुनिश्चित करने का अनुरोध करता रहा है।
साथ ही विदेश मंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार पाकिस्तान की हिरासत में सभी भारतीय मछुआरों की सुरक्षा को अत्यधिक महत्व देती है और उनकी शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी के प्रयासों को जारी रखेगी।