पालघर : जिले के एक गांव में पुलिस द्वारा आदिवासियों पर बर्बरता करने के आरोपों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि दहाणु तालुका के धानीवरी गांव में हुई घटना की जांच के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के निर्देशों के आधार पर समिति का गठन किया गया है।
इस आदेश के मुताबिक,पालघर जिले के स्थानीय विधायकों ने एक ज्ञापन में कहा था कि मुंबई-बड़ौदा एक्सप्रेसवे परियोजना से प्रभावित व्यक्तियों को उपमंडलीय अधिकारी ने नोटिस जारी किया था. 19 अप्रैल को पुलिस ने महिलाओं को उनके घरों से निकालकर उन्हें लाठियों से पीटा और जेसीबी से उनके घरों को तोड़ दिया।
आयोग के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए, चार सदस्यीय समिति द्वारा पालघर जिले की कथित घटना की जांच की जाएगी और 15 दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इस समिति में जिले के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
जानिए पूरी घटना
मुंबई बड़ौदा एक्सप्रेस वे के लिए जारी भूसंपादन का कार्य पूरा करने के लिए आदिवासियों को उनके घरों से जबरन खींचकर बाहर निकला गया और फिर उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया गया। जबकि इस दौरान आदिवासियों के बुजुर्ग,बच्चे,महिलाएं अधिकारियों से रोते बिलखते मिन्नते करते रहे,लेकिन उनकी एक न सुनी गई। और देखते ही देखते उनके सपनों का आशियाना उनसे छीन लिया गया। और जिसने भी इसका विरोध किया पुलिस ने उसे हिरासत में लिया गया था ।