पालघर पुलिस की सराहनीय पहल का शानदार नतीजा,जिले के आदिवासी इलाको में बालविवाह रोकने की अनूठी पहल

by | Mar 25, 2023 | पालघर, महाराष्ट्र

पालघर : किसी लड़की या लड़के की शादी की उम्र से पहले होना बाल विवाह कहलाता है। बाल विवाह में औपचारिक विवाह तथा अनौपचारिक संबंध भी आते हैं, नाबालिग उम्र के बच्‍चे शादीशुदा जोड़े की तरह रहते हैं। वर्तमान में देश के अंदर बाल विवाह के खिलाफ काफी जागरुकता आ चुकी है लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां यह कुप्रथा जारी है।
बता दें कि महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल पालघर जिले में लोगों ने बाल विवाह करने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। पुलिस की पहल और जनजागरुकता से पिछड़े इलाकों में भी बाल विवाह के खिलाफ माहौल बन रहा है।

पालघर पुलिस की तारीफें काबिल पहल

पालघर पुलिस ने जन संवाद अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरुक किया गया और उन्हें इसके नुकसान के बारे में जानकारी दी गई । इसके बाद वाडा और विक्रमगढ़ तालुका के कई गांवों में लोगों ने बाल विवाह करने वाले परिवारों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटिल ने खुद गांव वालों के साथ कई बैठकें की। पुलिस ने इस दौरान लोगों को विशेषकर महिलाओं को बाल विवाह की वजह से कम उम्र में लड़कियों के मां बनने, समय से पहले बच्चों के जन्म और बच्चों के जन्म के समय होने वाली परेशानियों के बारे में जागृत किया गया। पुलिस जिले के कई गांवों में भी अपनी इस पहल के जरिए लोगों को जागरुक करने में जुटी है। पालघर पुलिस की इस सराहनीय पहल की लोग जमकर तारीफ कर रहे है ।

जनसंवाद अभियान के माध्यम से जनहित में कई कदम उठाए गए है। इस अभियान के तहत छात्रों और ग्रामीणों से मिलकर उन्हें सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। ग्रामीणों का जबरदस्त समर्थन मिला है।

प्रदीप गीते,पुलिस निरीक्षक विक्रमगढ़

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