पश्चिम रेलवे (western railway) पर जल्द ही लंबी दूरी की ट्रेनों के हॉल्ट पर पुर्नर्विचार किया जाएगा। इसके लिए एक पायलट प्रॉजेक्ट तैयार किया जाएगा। पिछले कुछ सालों में विद्युतिकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम होने से ट्रेनों की स्पीड बढ़ी है। इस बदलाव के बाद लंबी दूरी की ट्रेनों के हॉल्ट की सुधार प्रक्रिया होनी है। अगर दो पड़ाव के बीच में कम दूरी है, तो उनमें से एक को रद्द किया जाएगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पायलट प्रॉजेक्ट के तहत 5-6 ट्रेनों को पहले चुना गया है, जो मुंबई से दिल्ली और गुजरात के बीच ऑपरेट होती हैं। ये ट्रेनें बांद्रा टर्मिनस या मुंबई सेंट्रल से रवाना होती हैं और बोरीवली में इनका पड़ाव होता है। इस तरह की ट्रेनों के हॉल्ट को दादर, अंधेरी, बोरीवली, वसई और बोईसर या पालघर के बीच बांटा जाएगा । बोरीवली स्टेशन लोकल ट्रेनों के लिए बड़ा टर्मिनस बना है, लेकिन लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनें यहां हॉल्ट करने के कारण परेशानियां हो रहीं हैं।
पीक ऑवर्स में लंबी दूरी की ट्रेनों के ऑपरेशन के कारण प्लैटफॉर्म पर खड़े रहने के लिए जगह नहीं होती है। बोरीवली के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बहुत ज्यादा असर पड़ा है। इन ट्रेनों के पड़ाव में बदलाव करने से बहुत लाभ होगा।