बोईसर : तारापुर एमआईडीसी को मुंबई से अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने वाला बोईसर- चिल्हार फाटा की जानलेवा आधी-अधूरी चार लेन वाला राजमार्ग पर सुरक्षा नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है । जिसके फलस्वरूप हर रोज दुर्घटनाएं होती हैं।
मांगो को लेकर की भूख हड़ताल
बोईसर के जिंदल गार्डन, खैरपाड़ा में प्रशासन के खिलाफ
जनसामर्थ्य आदिवासी सघटना के प्रमुख महेश धोड़ी ने बोईसर-चिल्हार रोड के लिए एक दिन का सांकेतिक भूख हड़ताल की । संकरी सड़कें ,खतरनाक मोड़ और दिशा बोर्ड का अभाव, स्ट्रीट लाइट की कमी को लेकर बोईसर-चिल्हार सड़क पर लगातार दुर्घटनाओ ने कई लोगों के परिवार उजाड़ दिए हैं,जिसको लेकर एक दिवसीय सांकेतिक भूख हड़ताल किया गया ।
इस हड़ताल के समर्थन में बजरंगदल,आल इंडिया वाहन चालक मालक महासंघ,कार्यसम्राट सामाजिक संघठना,रण संग्राम संघर्ष समिति,नेशनल हाइवे 48 अवेर्नेस ग्रुप,ओवेज सेस डु समथिंग व मानवाधिकार मिशन ने भी समर्थन दिया,अगर इस सड़क मार्ग को लेकर उनकी मांगों पर तुरंत संज्ञान नही लिया तो आगे बड़ा कदम उठा सकते है ।
बोईसर-चिल्हार फाटा सड़क मार्ग की दुर्दशा
तारापुर परमाणु ऊर्जा घर,तारापुर एमआईडीसी के साथ-साथ बोईसर समेत कई गांवों को जोड़ने वाली बोईसर-चिल्हार फाटा सड़क महत्वपूर्ण राजमार्ग है। भारी वाहनों के साथ-साथ हल्के वाहन और कारों पर भी चौबीसों घंटे बड़ी मात्रा में यातायात रहता है। कई बाधाओं को पार कर इस सड़क को फोर लेन बनाया गया है। लेकिन यह आधी-अधूरी फोर लाइन लोगो की दुश्मन बन गई है, इस मार्ग पर पर डिवाइडर के पत्थर कहीं-कहीं गिरे हुए हैं और कई डिवाइडर टूट फुट गए हैं. जिससे दुर्घटना की संभावना बनी रहती है ।
बोईसर चिल्हार राजमार्ग पर कब चार लेन की सड़क समाप्त होती है और दो लेन की सड़क शुरू होती है पता ही नही चलता,बोईसर बड़ा औद्योगिक हब होने की वजह से बड़ी मात्रा में भारी वाहनों का आना जाना बना रहता है,उनके चालको के लिए यह मार्ग जानलेवा है वो भांप नही पाते व अक्सर दुर्घटना होती रहती है । कही जगह तो नोटिस बोर्ड , रेडियम पट्टी के चिह्न तक नदारद है
हर रोज हादसों के बाद भी एमआईडीसी प्रशासन इस बात का गंभीरता से नही ले रहा है,कुल मिलाकर यह मार्ग भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है । रात में चलने के लिए तो यह मार्ग बहुत खतरनाक है,कई पंचवर्षीय योजना खप गई पर हालात ज्यो के त्यों बने हुए है ।
क्या कहती है जनता
लोगो का कहना है कि इससे अच्छा तो जब दो लाइन की सड़क थी तब इतने हादसे नही होते थे,पर अब तो इस जादुई राजमार्ग पर दो,तीन व चार लाइन का ऐसा मिक्सप कर दिया है कि चालक समझने से पहले ही हादसे का शिकार हो जाता है । लोगो ने नेताओ व अधिकारियों पर भी आरोप लगाए की इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग को लेकर कोई जनप्रतिनिधि ,एमआईडीसी की संस्थाए भी कभी आवाज नही उठाती है जिसकी वजह से एमआईडीसी प्रशासन भी गम्भीर नही है ।