नई दिल्ली : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra pardhan) ने भारत को ‘लोकतंत्र की जनन’ बताते हुए मंगलवार को एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र देश के ‘DNA’ में गहराई से समाया हुआ है. भारत का गौरवशाली इतिहास और शिक्षा इसकी सबसे बड़ी संपत्ति रही है.
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत वैश्विक नेता है और 500 करोड़ वैश्विक नागरिकों का केंद्र बिंदु भी है. हमारा भारत देश लोकतंत्र की जननी है. लोकतंत्र भारत के ‘DNS’ में गहराई से समाया हुआ है. देश भर के छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 26 जनवरी, 2023 से वसंत पंचमी ज्ञानोदय दिवस के अवसर पर भारतीय इतिहास का सही संस्करण पढ़ाया जाएगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें अनेकों अवसर प्रदान कर रही है.
आज भारत देश में मातृभाषा को प्राथमिकता देने से लेकर पढ़ाई के लिए 200 टीवी चैनल, डिजिटल यूनिवर्सिटी जैसे प्रयास हो रहे हैं. इतिहासकारों को इनके लिए ज्ञानवर्धक, वैज्ञानिक सामग्री तैयार करना होगा. हमें 21वीं सदी में भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को एक नया वैश्विक परिप्रेक्ष्य देना चाहिए.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना द्वारा 75 पुरानी किताबों को नयी रचनाओं के साथ पुनः प्रकाशित किया जा रहा है.जो ऐतिहासिक बदलाव है प्रधान ने कहा कि यह किताबें भारत के बौद्धिक जगत को स्पष्टता देंगी. भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (NBT) से उन्होंने आग्रह किया कि इन किताबों को भारत की सभी भाषाओं में अनुवाद कर डिजिटल माध्यमों में उपलब्ध कराया जाए.