पालघर : नशे की बुराई न केवल युवाओं के शरीर को खोखला कर उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रही है, बल्कि अपराध का ग्राफ भी बढ़ा रही है. शौक के लिए नशा करने वाले युवा लत लगने के बाद नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए भटकते रहते हैं. ऐसी हालात में वह नशे की आश्वकता के लिए अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं. यही कारण है कि छोटी-मोटी वारदातों से लेकर संगीन वारदातों में इलाके के नशाखोर शामिल रहे हैं. जैसे-जैसे समाज में नशाखोरी बढ़ती जा रही है, अपराध का ग्राफ भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पालघर गैंगरेप मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से कई आरोपी नशे के आदी हैं और माहिम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का पिछला इलाका नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है. जानकारी सामने आई है कि इसी इलाके के एक पाड़ा में आरोपी नशे में एक शादी में बड़ा बवाल खड़ा कर दिया था.
नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर प्यार में फंसाया जाता है और उससे मिलने के लिए बुलाया जाता है। बाद में प्रेमी व उसके दोस्तों ने मिलकर 12 घंटे तक हैवानियत का खेल खेला. इस मामले के आठ आरोपियों में ज्यादातर बच्चे नशे के आदी थे ।
पालघर जिले में जवान हो रही पीढ़ी में नशे की लत तेजी से फैल रही है. यह नशा शराब या सिगरेट का नहीं है, बल्कि गांजा, कोकीन, अफीम, नशीली दवाओं का है. इस तरह का नशा करने की वजह से युवाओं की मानसिक स्थिति बिगड़ती जा रही है और वो अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं.
पालघर जिले में नशेड़ियों का आतंक बढ़ता जा रहा है. इलाकों में नशे के लिए नशेड़ी आपराधिक वारदातों को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे हैं।
जिले में नशे का प्रचनल तेजी से बढ़ रहा है. नशे के सौदागर थोड़े से पैसों के लिए युवा पीढ़ी को कभी ना खत्म होने वाले अंधेरे में धकेल रहे हैं. बढ़ती नशे की प्रवृति के कारण जिले में अब अपराध भी बढ़ रहा है. लूट, चोरी, चेन स्नेचिंग, मोबाइल स्नेचिंग और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसे अपराध भी तेजी से बढ़ रहे हैं. नशे के लिए पैसा नहीं होने के कारण इस प्रकार की वारदातें अंजाम दीया जा रहा हैं.
