कहां जा रहा है भविष्य …आठवी से दसवीं तक के बच्चो के बैग में मिले सिगरेट,शराब,कंडोम व गर्भनिरोधक गोलियां,स्कूल प्रशासन व पैरेंट्स हैरान,पढ़े पूरा मामला

by | Nov 30, 2022 | देश/विदेश

बड़ा चिंता का विषय है कि पहले इस उम्र में बच्चो को इन चीजों का जानकारी तक नही थी,आज ये बच्चे उसको इस्तेमाल करते नजर आ रहे है । बेंगलुरु के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के स्कूली बैग की चेकिंग में जो चीजें मिली हैं, उसे देखकर सबके होश ही नही उड़े बल्कि सोचने को मजबूर कर दिया है. इन बच्चों के स्कूली बैग में स्कूल प्रशासन को सिगरेट, लाइटर, वाइटनर, कैश,कंडोम व शराब तक बरामद हुआ है.
बरामद सामान में कुछ ऐसी भी चीजें हैं, जिन्होंने सभी को हिलाकर रख दिया हैं. इन बच्चों के बैग में कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां भी मिली हैं. इतना ही नहीं, इन बच्चों के स्कूली बैग के अलावा इनकी पीने के पानी की बोतलों में शराब भरी हुई मिली है. यह पानी के साथ बोतलों में भरी हुई थी.

मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार बेंगलुरु के कई स्कूलों में ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि वहां स्टूडेंट अपने स्कूली बैग में मोबाइल फोन छिपाकर क्लास में ला रहे हैं. इसी के चलते कई स्कूलों में बच्चों के बैग की तलाशी का अभियान चलाया गया था. जब क्लास 8, 9 और 10 के बच्चों के स्कूल बैग की तलाशी ली गई तो इसमें मोबाइल फोन तो मिला ही, लेकिन कंडोम,गर्भनिरोधक गोली जैसी चीजें मिलने से सबके होश उड़ गए.
जब अभियान के तहत स्कूली बैग में चौंकाने वाली चीजें मिली तो स्कूलों ने स्पेशल पैरेंट्स टीचर मीटिंग भी आयोजित की. इस दौरान अभिभावक भी ये जानकर चौंक गए. एक स्कूल की प्रिंसिपल ने कहा है कि अभिभावकों ने जानकारी दी है कि उनके बच्चों के व्यवहार में भी बदलाव देखने को मिल रहा है।
स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों से बच्चों की काउंसिलिंग कराने को कहा है. इसके लिए बच्चों को 10 दिनों तक की छुट्टी की मंजूरी भी दी गई है.

इस पूरे मामले को लेकर स्कूलों ने विचार करते हुए फैसला लिया कि छात्रों के निलंबन से इस समस्या का हल नहीं निकाला जा सकता है। जिसको लेकर स्कूलों ने अभिभावकों के साथ साझा बैठक की। नगरभावी स्थित एक स्कूल के प्रिंसिपल ने के मुताबिक ‘ जब बच्चों के व्यवहार में इस तरह का परिवर्तन देखने को मिला तो माता-पिता और हम सब समान रूप से हैरान थे। छात्रों में इस तरह की स्थिति पाए जाने पर स्कूलों ने इसे संभालने की सोंची। जिसके लिए स्कूलों ने अभिभावकों को नोटिस जारी किया। लेकिन यह नोटिस पहले की तरह होने की बजाय बिल्कुल अलग था। इसमें छात्रों को निलंबित करने के बजाय परामर्श की सिफारिश की गई। प्रिंसिपल ने कहा, ‘हालांकि हमारे स्कूलों में परामर्श सत्र होते हैं। हमने छात्रों के माता-पिता से कहा कि वे बाहर से भी बच्चों के लिए मदद लें और 10 दिनों तक की छुट्टी ले सकते हैं।’

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