भारत के इस क्रिकेटर ने दुनिया के सभी खेल वैज्ञानिक व क्रिकेट दर्शकों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि ऐसा भी क्रिकेट में संभव है । क्रिकेट में शोध और अनुसंधान के लिए सूर्य कुमार यादव को नोबेल प्राइज के जैसा कोई तो एक खास अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना चाहिए। सूर्यकुमार ने ऐसे-ऐसे अनोखे शॉट्स की खोज की है जिससे क्रिकेट के 145 वर्षों के इतिहास को ही बदल कर रख दिया है।
अगर एक खिलाड़ी क्रिकेट को बदल दे तो इसे आठवां अजूबा की माना जाएगा। वे जिस तरह के शॉट्स मार रहे हैं दुनिया में आज किसी बल्लेबाज ने कल्पना भी नहीं की। सच कहें तो दुनिया का कोई और बल्लेबाज इस तरह के शॉट्स लगा भी नहीं सकता। सूर्यकुमार यादव अभूतपूर्व हैं। वे टी-20 में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं। इस साल उन्होंने टी-20 में एक हजार से अधिक रन बनाये हैं और 59 छक्के लगाये हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ उनका खेल प्रयोगधर्मी बैटिंग की पराकाष्ठा थी। उन्होंने 25 गेंदों पर 61 रन बनाये जिसमें चार जोरदार छक्के और 6 चौके शामिल थे।

जैसा कि सभी ने देखा जिम्बाब्वे के रिचर्ड नगारावा 16 वां ओवर फेंक रहे थे। स्ट्राइक पर सूर्या थे। पहली गेंद वाइड फुलटॉस आयी जिसे सूर्या ने प्वाइंट के ऊपर से चौके के लिए बाउंड्री से बाहर भेज दिया। दूसरी गेंद पर कोई रन नहीं बना। तीसरी गेंद पर जो हुआ वह क्रिकेट की दुनिया में एक आविष्कार है। नगारावा ने फिर ऑफ स्टंप से बाहर गेंद डाली जो वाइड योर्कर लेंथ पर थी। सूर्या ने सफल नहीं किया लेकिन शरीर को गेंद तक खींचा, स्वीप शॉट खेलने के अंदाज बाएं पैर को झुकाया, गेंद को लेग की तरफ खींचा और कलाइयों के सहारे उसे फाइन लेग बाउंड्री के बाहर 6 रनों के लिए स्कूप कर दिया। एक तेज गेंदबाज के खिलाफ स्वीप स्कूप खेलने की कल्पना किसी दूसरे ग्रह का आदमी ही कर सकता है। आम तौर पर बल्लेबाज स्पिनर की काट में स्वीप शॉट खेलते हैं। लेकिन सूर्या ने एक तेज गेंदबाज के खिलाफ स्वीप स्कूप शॉट लगाने का कारनामा किया।
इसी मैच में जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज तेंडई चतारा 18वां ओवर लेकर आये। स्ट्राइक पर हार्दिक पांड्या थे। पहली गेंद पर उन्होंने एक रन लेकर स्ट्राइक सूर्या को सौंप दी। चतारा की दूसरी गेंद ऑफ कटर थी। यह लेंथ बॉल ऑफ स्टंम्प के आसपास थी। किसी भी हिसाब से यह मार खाने वाली गेंद नहीं थी। लेकिन सूर्या तो सूर्या ठहरे वो अपने रंग में दिखे वे अच्छी गेंदों पर भी रहम नहीं करते। उन्होंने गेंद को पहले ही भांप लिया। ऑफ स्टम्प से और बाहर निकले। खेलने की जगह बनायी और स्टंप की तरफ आ रही गेंद को विकेटकीपर के पीछे से स्कूप कर दिया। गेंद चार रनों के लिए फाइन लेग बाउंड्री के बाहर चली गयी। गेंदबाज मायूस हो कर बस देखता रह गया। गेंद में कोई खराबी नहीं थी फिर भी चौका लग गया। जब कोई बल्लेबाज जब इस तरह के असंभव शॉट्स खेले तो गेंदबाज भला क्या कर सकता है। इसी ओवर में सूर्या ने चकावा पर एक छक्का भी मारा। यह इम्प्रोवाइज शॉट था और गेंद एक्स्ट्रा कवर बाउंड्री के ऊपर से छह रनों के लिए बाहर चली गयी।
फिर रिचर्ड नगारावा 20वां ओवर फेंक रहे थे। इस ओवर में सूर्या ने ऐसा शॉट खेला जिसके लिए क्रिकेट में कोई शब्द ही नहीं है। नागारावा ने तीसरी गेंद वाइड यॉर्कर लेंथ पर फेंकने की कोशिश की जो लो फुलटॉस बन गयी। सूर्या ने फिर शरीर को खीच कर बाएं पैर को ऑफ स्टंप से बाहर निकाला। स्वीप खेलने के अंदाज में थोड़ा झुके और गेंद को बैकवर्ड स्क्वायर लेग के ऊपर से छक्का रनों के लिए बाहर भेज दिया। इस शॉट को क्या कहें ? स्वीप स्कूप, फ्लिक स्कूप या विप (जब गेंद को चाबुक मारने के अंदाज में बाउंड्री से बाहर भेजा जाता है) या फिर कुछ और ? इस शॉट को फिलहाल कोई नाम नहीं दिया जा सकता। इसके लिए क्रिकेट में नयी शब्दावली जोड़नी पड़ेगी। ऐसा नहीं है कि सूर्या अचानक इस तरह के शॉट्स नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने अपने आविष्कार को नेट्स में बहुत परखा है। इन अनोखे शॉट्स के लिए महीनों से पसीना बहा रहे हैं। मैच के बाद उन्होंने कहा, जो मैं नेट्स में करता हूं उसे ही मैदान पर दोहराता हूं। ऐसी पारियां खेल कर मुझे बहुत आनंद आता है।