बोईसर : कब किसी को किस वक्त खून की ज़रूरत पड़ जाती है उसका कुछ भी नही बोल सकते,यह सभी को पता है कि खून खून ही होता है वो किसी फेक्ट्री में नही बनाया जाता है । ब्लड बैंक से मिलने वाला खून किसी न किसी रक्तदाता का किया हुआ दान ही होता है ।
इसी महादान के एक दाता से हम आपको रूबरू करवाने जा रहे है । बोईसर शहर में एक ऐसा समाजसेवी हैं, जिनका नाम है पिनाकिन अमृतलाल पारेख. कई सारी ब्लड बैंक के साथ लिंक रखने वाले पारेख खुद ब्लड डोनेट करने का अपने आप मे रिकाॅर्ड बना चुके हैं. इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस पर उन्होंने अपने जीवन का 129वीं बार रक्तदान किया. यह प्रेरणा उन्हें कैसे मिली? इनकी कहानी बयान करने के साथ ही सभी को यह सीख लेनी चाहिए की रक्तदान किसी की जिंदगी तो बचाता ही है साथ मे आप खुद को भी स्वस्थ व तंदुरस्त बनाये रखने के लिए जरूरी है ।

पिनाकिन पारेख ने 1983 में पहला रक्तदान किया था,अपने मित्र के पिताजी को ऑपरेशन के दौरान खून की जरूरत थी व इंतजाम नही हो पा रहा था तब इनकी उम्र 17 साल कुछ महीने ही थी पर हालात को देखते हुए उन्होंने 18 साल के पहले ही पहला रक्तदान कर दिया था,उसके बाद एक जुनून सा हो गया । जब इन्होंने 11वी बार रक्तदान किया तभी एक मंच पर उनका सम्मान किया गया,उसी दौरान उसी मंच पर एक अन्य रक्तदाता जिन्होंने 100बार रक्तदान किया था उन्ही से प्रेरणा लेकर पारेख ने ठान लिया कि मैं भी अब रुकूँगा नही । तब से लेकर आज तक 129 बार रक्तदान करने वाले पिनाकिन पारेख आज 57 साल के होने के बावजूद एकदम फिट व खुद को युवा समझते है ।
पारेख ने बताया कि जब तक संभव है तब तक रक्तदान करता रहूंगा व मरणोपरांत अंगदान भी करूंगा व युवाओं को कहना चाहते है कि आप भी इस मुहिम से जुड़े, कही भी रक्तदान शिविर दिखे तो जरूर रक्तदान करे ।
रक्तदान क्यो है महादान
सभी दानों में रक्तदान को सर्वश्रेष्ठ दान माना जाता है, क्योंकि इससे किसी का जीवन बचाया जा सकता है। ब्लड बैंकों में रक्त की आवश्यकता की निरंतर पूर्ति करने के लिए पर्याप्त मात्रा में रक्त संग्रह होना जरूरी है। यही कारण है कि रक्तदान (Blood Donor Day) को महादान बताया जाता है. ब्लड डोनेट करके आप किसी भी व्यक्ति की बिना किसी खर्च के जान बचा सकते हैं.
रक्तदान से फायदे
■ ब्लड डोनेट करने से हार्ट अटैक का खतरा होगा कम हो जाता है.
■ कैंसर होने का जोखिम कम होता है.
■ लिवर से जुड़ी समस्याओं से भी राहत मिलती है.
■ ब्लड डोनेट करने से वजन भी कंट्रोल में रहता है.
रिकार्ड मेन व रक्तदान के ब्रांड एम्बेसडर
अहमदाबाद के 55 साल के हरीशभाई पटेल ने अपना पूरा जीवन रक्तदान के नाम समर्पित कर दिया है। उन्हें देश में रक्तदान के ब्रांड एंबेसडर के नाम से भी जाना जाता है। हरीशभाई अब तक रिकॉर्ड 248 बार रक्तदान कर चुके हैं। पिछले 35 साल से हर रविवार अहमदाबाद में नियमित तौर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाते हैं। अपने घर में भी 36 साल से हर तीन महीने में कैंप लगाकर करीब 100 यूनिट ब्लड कलेक्ट करते हैं।
