जनता के हक के लिए कोई नेता इस तरह का संकल्प व संघर्ष कर सकता है यह अपने आप मे पहला उदाहरण है,जिले में आम आदमी की पहचान बनाए भाजपा नेता संतोष जनाठे ने जिले में अस्पताल न बनने तक कुर्सी व ऊंची जगह पर न बैठने की प्रतिज्ञा ली थी,पर अब इन्होंने एक और संकल्प लिया जो हैरान कर देने वाला तो है ही पर जनप्रतिनिधियों को बड़ा मेसेज देने वाला है ।
पालघर आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था न उपलब्ध होने के कारण लोगों को उपचार के लिए पड़ोसी राज्य गुजरात और सिलवासा जाना पड़ता है। लंबी दूरी होने के कारण कई बार तो मरीज की इलाज के अभाव में ही मौत हो जाती है।
लोगों को उनका हक दिलवाकर रहेंगे
भाजपा नेता और जिला संगठन महामंत्री संतोष जनाठे आजकल चर्चाओं में है। जनाठे पार्टी की बैठक हो या कार्यक्रम हो या जब भी सरकारी कार्यालय पहुँचते है और वहां रखी कुर्सी का प्रयोग न कर सीधा फर्श पर बैठ जा रहे है। उन्होंने घर तक मे कुर्सी पर न बैठने का संकल्प लिया है। संतोष जनाठे ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था लोगों का हक है। उनका हक दिलवा कर रहेंगे। साथ ही जिला अस्पताल का निर्माण न होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
संतोष जनाठे ने आमजन के हित मे लिया निर्णय
पालघर जिला भाजपा के संघठन महासचिव व लोकसभा सयोंजक संतोष जनाठे ने जिले में भव्य अस्पताल को लेकर कुर्सी पर नही बैठने की शपथ लिए करीबन 5 महीने पूरे होने वाले है । जिसके लिए उन्होंने तत्कालीन सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात की थी,पर वर्तमान में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हो गई तो भाजपा शिवसेना की सरकार बन गई । जिसमें देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के 9 कैबिनेट मंत्री बनाये गए है ।
जनाठे ने इस इस सम्बंध में सोशल मीडिया पर एक मेसेज भेजा को उनकी जनता के लिए काम करने की दृढ़ शक्ति व उनका संकल्प भावुक कर देने जैसा है ।
भीष्म प्रतिज्ञा के बाद अब दूसरा कठोर फैसला
जिसमे उन्होंने लिखा कि वर्तमान में भाजपा सत्ता में है व मैं किसी बैठक में जाता हूं तो नीचे बैठता हु, इस तरह की तस्वीर से अच्छा मेसेज नही जाता,जिसके बारे में गलत चर्चा की जाती है । जिले में मेरी पहचान एक आम आदमी के रूप में है और लोगो की समस्या हल करता हूं । मैने लोगो के हित के लिए शपथ ली है जिसे तोड़ नही सकता ,मैं उनकी भावनाओं के साथ खेल नही सकता ।
बरहाल,जनकल्याण के लिए मैं भाजपा जिला संगठन महासचिव व लोकसभा सयोंजक होते हुए भी निर्णय ले रहा हूं कि मैं पार्टी की किसी भी बैठक में शामिल नही होऊंगा,जब तक जिला अस्पताल नही बनेगा तब तक कुर्सी पर नही बैठने का संकल्प जारी रखूंगा ।
