शिवशंकर शुक्ल
प्रयागराज / उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित गौशालाओ के नाम पर आने वाली धनराशि की लूट मची हुई है । आरोप है,कि ग्रामप्रधान, ग्राम सचिव, एडीओ बीडीओ से लेकर सीडीओ तक ग़ोबंशो के लिए चोकर ,भूसी , खली के लिए गोशाला के नाम पर आनेवाली धनराशि को आपस मे बाट रहे है। और चारा के नाम पर सूखा धान का पुवरा सामने दाल देते है । 100 पशुओं की जगह 200 से 300 यह तक कि इस से भी अधिक बताकर सरकार से पैसे ले रहे है। बतादे की प्रति पशु 30 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आता है । ग्राम प्रधानों, सचिवों द्वारा समय पर उन्हें पोषक आहार तक नही देते इतना ही नही पशुचिकित्सक भी 4 से 6 माह में एक दिन जाते है , खानगी न मिलेने से कमजोर होने वाले ग़ोबंशो को बीमारी के दौरान समय पर उपचार न मिलने से अकाल मौत का शिकार होरही है । बताया जाता है कि उन्हें खुले में ही फेक दिए जाने से कुत्ते नोच नोच कर खाते है और गांवों में लाकर फैलाते भी है । ब्लाक से लेकर जिलाधिकारी तक को शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नही होती जिस से भ्रष्ट अधिकारियो का मनोबल बढ़ रहा है।ज्ञात हो कि कोरांव ब्लॉक के ग्राम सभा पसना में स्थित अस्थाई गौशाला का निर्माण किया गया है यहां की ग्राम प्रधान राधादेवी व प्रतिनिधि वीरेंद्र कुमार है। इस गौशाला में पशुओं को सही ढंग से चारे की व्यवस्था नहीं है चारे के अभाव में आए दिन गोवंश की मौत हो रही है । गोवंश के मर जाने पर गौशाला के बगल में ही खुलेआम फेंक दिया जाता है जिसको आवारा कुत्ते व कौवे नोच नोच कर खा जाते हैं । जब इसकी जानकारी सेक्रेटरी अरविंद कुमार को दी गई तो उनका कहना है की इस गौशाला में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है, पत्रकारों को झूठा साबित किया गया जबकि गोपालको में रामबली, अमरावती आदि का कहना है कि यहां पर जब से गौशाला खुला है तब से चुनी, चोकर कभी आया ही नहीं और यहां पर पशुओं की संख्या सेक्रेटरी द्वारा बताया गया कि 170 है लेकिन मौके पर 140 पशु ही मिले लेकिन सरकार द्वारा जो भुगतान किया जाता है वह 170 पशुओं का किया जाता है आखिर 30 पशुओं का पैसा किसके जेब में जा रहा है । डॉक्टर कभी-कभी आते हैं लेकिन इलाज नहीं करते हैं, कहते हैं कि पशु मरने वाली है इसका इलाज क्या करना और सेक्रेटरी महीने दो महीने में कभी-कभार आते हैं । सेक्रेटरी अरविंद कुमार पत्रकारों की बात को गलत साबित करते हुए अपनी सफाई पेश किए और गोपालको को भी गलत ठहराया ।दूसरी तरफ ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वीरेंद्र कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन पत्रकारों का नाम सुनते ही अपना मोबाइल बंद करके घर से गायब हो गए , इसकी सूचना खंड विकास अधिकारी मुकेश कुमार को दी गई तो उन्होंने कहा कि ठीक है मैं मामले को देखता हूं । जबकि इसके पहले एक सप्ताह पूर्व देवघाट में अस्थाई गौशाला की खबर चलाई गई थी लेकिन आज तक खंड विकास अधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी तथा जिलाधिकारी का ध्यान नहीं गया जबकि योगी आदित्यनाथ द्वारा गायों की पूजा की जाती है और गोवंशो के ऊपर हर महीने लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं । इस तरह से सरकारी धन का ग्राम प्रधान से लेकर ऊपर तक के अधिकारियों में बंदरबांट किया जा रहा है और पशुओं को चारा, चुनी, चोकर कुछ भी नहीं दिया जाता है जिसके अभाव में आए दिन पशुओं की मौत हो रही है ।आखिर इसका जिम्मेदार कौन है ।