राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने महाराष्ट्र के तारापुर-बोईसर स्थित एक फार्मा कंपनी का दौरा करने के लिए आठ सदस्यीय समिति गठित करने के दौरान यह कहा ”नागरिकों की सुरक्षा और पर्यावरण सरंक्षण चिंता का प्रमुख विषय है और ‘टिकाऊ विकास और प्रदूषक भुगतान’ सिद्धांतों को लागू करने के लिए किसी भी आर्थिक/औद्योगिक गतिविधि को ऐसी चिंताओं के अनुरूप होना चाहिए। समिति जांच में जुट गई है।
तारापुर-बोईसर की इस कंपनी में वर्ष 2020 में एक विस्फोट हुआ था। पीठ ने कहा, ” घटनाक्रम से जुड़े तथ्यात्मक पहलू, दुर्घटना से बचाव की विफलता का कारण, जीवन/पर्यावरण को नुकसान की सीमा, भुगतान की जाने वाली मुआवजा राशि और अन्य आवश्यक निपटारा उपायों को इस अधिकरण द्वारा निर्धारित करना होगा।”
अधिकरण सैयद मोहम्मद साबिर उस्मान की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो महाराष्ट्र के बोईसर-तारापुर के एमआईडीसी में स्थित फार्मा कंपनी के संचालन के खिलाफ दायर की गई है। इस कंपनी में 11 जनवरी 2020 को हुए एक विस्फोट की चपेट में आने से आठ श्रमिकों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हुए थे।
पीठ द्वारा बनाई गई समिति में पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा के निदेशक और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समेत अन्य अधिकारी व पालघर के जिलाधिकारी शामिल होंगे।