पालघर | सात समुंदर पार पहुंचेगा आदिवासी महिलाओं का हुनर, बांस से बनाई राखियां होंगी एक्सपोर्ट

by | Aug 24, 2023 | पालघर, महाराष्ट्र

Palghar : आदिवासी बहुल पालघर जिले की आदिवासी महिलाओं का हुनर पहली बार सात समुंदर पार पहुंच रहा है।
जिले के विक्रमगढ़ जैसे सुदूर इलाकों में बांस से बनी राखी विदेश जा रही है। टेटवाली सहित क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गई 40 हजार राखियां 20 देशों में बेची जाएंगी। सुदूरवर्ती इलाकों की महिलाओं के हाथों को घर बैठे काम मिलेगा और इस माध्यम से यहां की महिलाएं अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही हैं ।
संस्था केशव सृष्टि विक्रमगढ़ में टेटवाली सहित आसपास के गांवों में सिर्फ 30 दिनों में अनपढ़ और कम पढ़ी-लिखी महिलाओं को बांस से राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया। इस क्षेत्र में बांस व्यापक रूप से उपलब्ध है और केशव सृष्टि और नाबार्ड ने इस बांस से यहां की महिलाओं को रोजगार का अवसर प्रदान किया है। इन खूबसूरत और आकर्षक राखियों के लिए बांस, डोरी, फेविकोल, रंग, मोती, वार्निश आदि की आवश्यकता होती है और एक राखी की कीमत लगभग 13 से 15 रुपये है।आ रहा है ये राखियां बाजार में 30 से 32 रुपये में बिकती हैं और इस महिला स्वयं सहायता समूह को प्रत्येक राखी पर 15 से 17 रुपये का मुनाफा हो रहा है. टेटवाली में बांस हस्तशिल्प महिला स्व-सहायता समूह में गांव की 50 महिलाएं काम कर रही हैं और उन्होंने इस साल लगभग 12 हजार राखियां बनाई हैं।

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