अमेठी/डीह: पगडंडियों के सहारे जिंदगी… आजादी के ७६ साल बाद भी नहीं बनी सड़क,तो ग्रामीणों ने खुद ही कुदाल-फावड़ा थाम शुरू किया सड़क का निर्माण

by | Aug 18, 2023 | उत्तर प्रदेश, देश/विदेश, रायबरेली


मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसे अमेठी की सलोन विधानसभा क्षेत्र के लोग
केंद्रीय मंत्री और शासन प्रशासन ने नहीं सुनी फरियाद तो दशरथ मांझी की राह पर चले ग्रामीण

हेडलाइंस18

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के ग्रामीण सड़क जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए तरसते दिखाई दे रहे है। सलोन विधानसभा के डीह ब्लॉक की गोपालपुर ग्रामपंचायत का पूरे लक्ष्मी नारायण,पूरे लोहारन और पूरे अहिरन ऐसे गांव है जो दो दिशाओं से नदी और नाले से घिरे है। इस वजह से गांव के बच्चे बच्चियों की शादी में परेशानी होती है। रिश्तेदार गांव आने से हिचकते हैं। यहां तक कि अगर गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे बाहर ले जाने के लिए भारी मुश्किलों से जुझना पड़ता है। इन गांवों में अब तक महज एक किलोमीटर सड़क का निर्माण सम्भव नहीं हो पाया है। जबकि अमेठी के सलोन विधानसभा से भाजपा के नेता अशोक कोरी विधायक है। विनोद यादव, हरिश्चंद्र यादव,लवकुश गौड़, सुमेरेे गौड़ आदि का कहना है, कि गोपालपुर- पूरे लक्ष्मी नारायण- गंगापुर मार्ग को बनाने के लिए ग्रामीण केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ शासन-प्रशासन के पास एक अदद सड़क की फरियाद और गुहार लगा चुके हैं। फिर भी जब सड़क नहीं बनी तो थक हार कर गांव के ग्रामीण हाथ में कुदाल और फावड़ा लेकर अपने दम पर श्रम दान से गांव जाने के लिए सड़क बनाने के लिए निकल पड़े।


लोगों का कहना है, कि रोजाना ग्रामीणों और छात्र छात्राओं को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए मौत का सफर तय करना पड़ता है। अब तक कई लोग जख्मी हुए है। कुछ लोग तो नाले में बहते बहते बचे है। फिर भी सरकार की नींद नही टूट रही है।

गुरुवार से ग्रामीणों ने शुरू किया है सड़क बनाने का काम

गुरुवार से ग्रामीणों ने श्रमदान के जरिए सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया, जिसमें गांव के ग्रामीण तन-मन-धन से सहयोग कर रहे हैं और गांव तक पहुंचने वाली उबड़-खाबड़ पगडंडी को मिट्टी डालकर चौड़ी सड़क बना रहे हैं, जिससे जानलेवा सफर से मुक्ति मिल सके। और
आसानी से गांव तक एंबुलेंस व अन्य वाहन पहुंच सके।

सड़क न होने की वजह से एंबुलेंस भी नहीं पहुंच पाती गांव


ग्रामीणों का कहना है कि गांव तक सड़क नहीं बन पाने से एम्बुलेंस नहीं पहुंच पाता है। ग्रामीण कहते हैं कि गांव की गर्भवती महिलाएं और रोगियों को इलाज के लिए मुश्किल से अस्पताल ले जाना पड़ता है, क्योंकि गांव तक एंबुलेंस या अन्य वाहन नहीं पहुंचते हैं। सबसे अधिक परेशानी तो बरसात के दिनों में होती है, जब नदी और नाले में पानी बढ़ जाता है और गांव से बाहर निकलने के लिए नाले पर बना मिट्टी का बांध कट कर काफी खतरनाक हो जाता है। जिससे गांव का अन्य गांवो से संपर्क टूट जाता है।लोग कहते हैं कि जन प्रतिनिधियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों के पास नाले पर पुलिया और गांव तक पहुंचने के लिए सड़क बनाने की मांग करते-करते थक चुके हैं। अंततः अब ग्रामीण श्रमदान से ही सड़क बनाने के लिए कृत संकल्प हैं।

बच्चों के शादी-ब्याह के लिए नहीं आते हैं दूसरे गांव के रिश्तेदार

ग्रामीणों की माने तो पूरे लक्ष्मी नारायण सहित तीन गांवो में आवागमन की सुविधा नहीं रहने से दूसरे इलाके के लोग इस गांव में रिश्तेदारी करना नहीं चाहते हैं। इस कारण गांव के कई युवक-युवतियों का समय पर शादी विवाह भी नहीं हो पा रहा है। गांव के युवा कहते हैं कि विकास का दंभ भरने वाली सरकार व प्रशासन का कई बार-इस ओर ध्यान आकृष्ट कराने के बाद भी अब तक सड़क व पुल निर्माण कराने को लेकर किसी भी स्तर से जब कोई दिलचस्पी नहीं दिखी तो हार कर ग्रामीणों ने श्रमदान से सड़क बनाने की पहल की है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सहित भाजपा विधायक अशोक कोरी से भी सड़क के निर्माण के लिए कई बार निवेदन किया गया है। लेकिन फंड नही मिल सका। ग्रामपंचायत के पास निधि न होने के कारण सड़क का निर्माण नही हो पा रहा है।

राजकुमार सिंह,ग्राम प्रधान गोपालपुर

यह न्यूज जरूर पढे