पालघर : आजाद भारत मे आज भी पालघर जिले के कुछ क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिसको लेकर आये दिन दर्दनाक खबर सामने आती है । पर अब एक बड़ी शर्मनाक खबर सामने आई है की जिला परिषद के अंतर्गत आने वाले 443 स्कूलों ने अपने बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते स्कूलों की बिजली आपूर्ति काट दी गई है। जानकारी के मुताबिक करीब 70 से 75 लाख रुपये का यह बीज बिल बकाया है और 2019 से सरकारी फंड नहीं मिलने के कारण स्कूल इस बिल का भुगतान नहीं कर पाया है.
पालघर जिला परिषद के अंतर्गत कुल 2134 स्कूल है,जिसमे विद्युत आपूर्ति विहीन विद्यालय विक्रमगढ़ 53, पालघर 13,जव्हार 91, मोखाडा 67,दहानू 80, तालसरी 64, वाडा 68, वसई 7 जगह विद्यालय में बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को अंधेरे में पढ़ाई करनी पड़ती है, शिक्षक विद्यालय में डिजिटल सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाते हैं. साथ ही मच्छर के काटने से बीमार होने की संभावना भी हैं
जिला परिषद स्कूलों के बिजली बिल का भुगतान ग्राम पंचायत के माध्यम से करने की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की होती है। इसके साथ ही कई स्कूलों के प्रधानाध्यापक विभिन्न फंडों से बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं. 2019 से 443 स्कूलों को सरकारी फंड नहीं मिला है. गैर वेतन सब्सिडी भी बंद है. इससे स्कूलों के लिए पैसा खर्च करना मुश्किल हो गया है। बिजली की कमी के कारण देखा जा रहा है कि स्कूलों में टेलीविजन सेट, प्रोजेक्टर, कंप्यूटर जैसे उपकरण भी धूल में मिल गये हैं. कई गांवों में जनभागीदारी से स्कूलों का डिजिटलीकरण किया गया है। स्कूलों में बिजली की कमी के कारण शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करना पड़ता है। कहा जा रहा है कि सुविधा के बावजूद इसका फायदा नहीं उठाया जा सकता. 15 जून से स्कूल शुरू हो गए हैं. उससे पहले इन स्कूलों की बिजली आपूर्ति बहाल होनी चाहिए था लेकिन बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण छात्रों को स्कूल में अंधेरे में पढ़ाई करनी पड़ रही है. विभाग ने छात्रों और शिक्षकों को अंधेरे और मच्छरों के प्रकोप के कारण धैर्य रखने को कहा है. इस बीच सरकारी राशि नहीं मिलने से बिजली बिल का बकाया बढ़ गया है. इस बात पर नाराजगी जताई गई है कि बिजली बोर्ड ने इन स्कूलों का बिजली कनेक्शन काट दिया है, जबकि इसकी जानकारी सरकार के पास है।