हेडलाइंस 18
पालघर में शासन-प्रशासन भले ही विकास के तमाम दावे करे, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी बदहाली बरकरार है। विकास के तमाम दावों और इन्फ्रास्ट्रक्चर के सलोने सपनों के बीच दहिसरतर्फे मनोर ग्रामपंचायत के गुंदावे गांव के श्मशान घाट की एक छोटी नहर के ऊपर से जाने वाले मार्ग को सिंचाई विभाग ने खोद डाला है। जिससे लोगों को अंतिम संस्कार में जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। उनकी मांग है कि इस मार्ग को जल्द से जल्द ठीक किया जाए। वांद्री डैम से बाए ओर निकलने वाली एक छोटी नहर के उस पार श्मशान घाट स्थित है। गुंदावे गांव के ग्रामीण वहां अंतिम संस्कार करते है। नहर पर से जाने वाले मार्ग को खोदे जाने से श्मशान घाट जाने वाला मार्ग बाधित हो गया है। ग्रामीणों को शमशान घाट तक जाने के लिए पानी की धारा से होकर गुजरना पड़ता है। इससे ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। शव के दाह संस्कार के लिए लकड़ी सहित अन्य सामग्रियों को लोगों को नहर की दूसरी ओर स्थित श्मशान घाट ले जाना पड़ता है।
ग्रामीणों को शव को पानी के बीच से ले जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने मांग की है कि श्मशान घाट तक जाने वाली सड़क का निर्माण किया जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि बरसात में समस्या और गंभीर हो जाती है।लोगों को पानी में से होकर श्मशान घाट तक पहुंचकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। क्योंकि वर्षो से जारी मांग के बाद भी न ही गांव में सड़क बनी न श्मशान जिससे यहां के ग्रामीण आजादी के अमृत काल मे भी यातनाओं भरा जीवन जीने को मजबूर है। बार-बार किचकिच होने के बाद भी यहां का प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है।
जनवरी माह में गुंडावे गांव से श्मशान घाट को जाने वाली सड़क को खोदा गया। जिससे अंतिम संस्कार में जाने के लिए ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। गांव में मृत व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के लिए शवों को नहर के पानी से श्मशान तक ले जाना पड़ रहा है। अगर श्मशान घाट की ओर जाने वाली सड़क को ठीक नहीं किया गया तो शवों का अंतिम संस्कार सिंचाई विभाग के ढेकाले कार्यालय के सामने किया जाएगा।
रूपेश किनी, ग्राम पंचायत सदस्य
किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो इसलिए साफ सफाई के लिए नहर की पाइप निकाली गई थी। नहर के ऊपर जाने वाला रास्ता अस्थाई है। फिर भी लोगों की समस्याओं को देखते हुए जल्द ही पाइप डालकर उनकी समस्याओं का निदान किया जाएगा।
नीलकमल गवई,अनुमंडल अभियंता, सिंचाई विभाग,मनोर