हेडलाइंस 18
बोईसर और आस पास के इलाकों में रहने वाले लाखों लोग भीषण दुर्गंध और बढ़ते प्रदूषण में जीवन जीने को मजबूर है। तारापुर एमआईडीसी में स्थित कई प्रदूषकारी फैक्ट्रियों की वजह से पहले ही यहां लोगों का जीना मुश्किल था। अब बोईसर के करीब खैरापाड़ा ग्रामपंचायत में मुख्य मार्ग पर कूड़ाघर की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। कचरे के ढेर में रोजाना आग लगाई जाती है,जिससे पूरा इलाका धुएं के आगोस में खो जाता है। लोगों का आरोप है, कि यहां के अधिकारी लोगों की समस्या नही बल्कि उस पर पर्दा डालने में उस्ताद है। प्रदूषण और धुएं से आसपास के क्षेत्र में रहने वालो के साथ- साथ पालघर –बोईसर सड़क,बोईसर-एमआईडीसी मार्ग,चिल्हार-बोईसर राजमार्ग पर चलने वाले लाखों लोगों का दम जहरीले धुंए से घुट रहा है। और उन्हे रोजाना तकलीफ उठानी पड़ रही है। जिससे उन्हें सांस संबंधी बीमारियों की समस्या से ग्रसित होना पड़ सकता है। जबकि कचरे के इस पहाड़ से कुछ ही मीटर की दूरी पर टीमा हॉस्पिटल,खेल मैदान व कचरे ढेर के पास स्थित फैक्ट्री के श्रमिकों को भी बदबू व प्रदूषित धुंए से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

इस कचरे के ढेर के पास ही यशवंत सृष्टि एक बड़ी आवासीय कॉलोनी है। सड़े हुए कचरे और धुएं की बदबू के कारण लोगो को इस जगह से निकलते वक्त अपनी नाक पकड़नी पड़ती है। इसी तरह, लगातार हवा में फैले धुएं के कारण सुलगते कचरे से नागरिकों को सांस लेने में दिक्कत, आंखें लाल होना, चर्म रोग से परेशानी हो रही है।सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग और बच्चों को हो रही है।स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि मैदान के पास स्थित इस कचरे के ढेर को गांव से बाहर किया जाए।
खैरापाड़ा ग्राम पंचायत सीमा में रोजाना जमा होने वाले कचरे को बोईसर पालघर मुख्य मार्ग के पास खैरापाड़ा मैदान के एक हिस्से में लाया जाता है। चूंकि इस कचरे को ग्राम पंचायत द्वारा गीले और सूखे कचरे को अलग किए बिना इस स्थान पर लाया जाता है, इसलिए इस जगह पर कचरे के बड़ा ढेर बन गया हैं। खैरापाड़ा ग्राम पंचायत के पास प्रतिदिन जमा होने वाले कचरे के निपटान के लिए कोई जगह नहीं है। और शासन से लगातार इसके लिए जमीन की मांग की जा रही है।
कचरे के ढेर पर डाला गया पर्दा
यह कचरे का ढेर इतना बढ़ गया था कि वहां गुजरात गैस एजेंसी के बाहर से गुजरने वाली सड़क भी नदारद होने लग गई थी। दो लाइन की सड़क एक लाइन से भी आधी रह गई थी। बढ़ती शिकायतों के बाद ग्राम पंचायत के अधिकारी लोगों की समस्या तो दूर नही कर पाए बल्कि कचरे के ढेर पर पर्दा डालने का काम शुरू कर दिया है। जिसके बाद वहां पर सड़क की तरफ लोहे के पतरे लगा दिए है ताकि लोगों को कचरा न दिखे। लेकिन लोगों की समस्या कम नहीं हुआ और अभी भी पर्दे के अंदर से आने वाली बदबू बर्दाश्त से बाहर है।
कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। बगल के मार्ग से रोजाना जाना पड़ता है। धुएं के गुब्बार और बदबू से आंखो में जलन और सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। कचरे को जल्द यहां से हटाया जाना चाहिए।
कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। बगल के मार्ग से रोजाना जाना पड़ता है। धुएं के गुब्बार और बदबू से आंखो में जलन और सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। कचरे को जल्द यहां से हटाया जाना चाहिए।
एपी सिंह निवासी बोईसर
होटल और दुकानों से निकलने वाले कचरे को लोग चोरी छिपे डालकर भाग जाते थे। और कचरे के ढेर में भी आग लगा दी जाती थी। इसे रोकने के लिए पतरे के शेड से कचरे के ढेर वाली जगह को बंद कर दिया गया है। ताकि खैरापाड़ा ग्रामपंचायत के कर्मचारी ही इसे खोलकर यहां कचरा डाल सके।
विजय कुमार लोकरे ग्राम विकास अधिकारी खैरापाड़ा
डंपिंग ग्राउंड ग्राउंड नही है। जिससे यहां कचरा डाला जा रहा है। डंपिंग ग्राउंड के लिए शासन से जमीन की मांग की गई है।
नरेंद्र रेवंडकर बीडीओ पालघर