हम बोईसर वाले बड़े दिल वाले है ,हमे किसी से कोई गिला-शिकवा नही । हमे आदत सी हो गई गई है प्रदूषित मौसम में रहने की साथ ही हमारे पास पैसे बहुत है इसलिए अगर बीमार भी पड़ जाते है तो निजी अस्पतालों में जाकर ठीक होने के लिए पैसे उड़ाने की … इसे हमारी मजबूरी कतई न समझे बस ये हमारा बड़ा दिल है जो सभी को झेल लेते है ।
सड़को पर गड्ढों में तो हमको गाड़ी व बाइक चलाने का बहुत मजा आता है हम तो उसमे भी आंनद लेते है क्योकि हमे पता है हम बोईसरकरो के नसीब में अच्छी सड़के है ही नही तो हम गड्ढों वाली सड़को को ही एक्सप्रेसवे समझकर मन को खुश कर लेते है ।
नेताओ व अधिकारियों के मन मे स्वार्थ है पर हमारे दिल मे फिर भी उनसे कोई शिकायत नही,हम चुनावो में उनका साथ देते है भले बदले में हमको कुछ नही मिलता,पर उनके तो वारे-न्यारे होते है जिनको हम चुनते है ।
हमारे दिलदार होने का सबूत तो आपको ऐसे ही मिल जाएगा,बोईसर से चिल्हार मार्ग जो हमारे बोईसर शहर की जीवन रेखा है जो न जाने कौनसी योजना के तहत बन रहा है हमारे नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे भी अभी दसवीं बोर्ड की एग्जाम दे रहे है पर अब तक बोईसर-चिल्हार मार्ग का काम पूरा नही हुआ,हमारे कई साथियों ने इस मार्ग पर हादसों में जान भी गवाई फिर भी हम चुप है। हमने विधायक भी बदले ,सांसद भी बदले या तक कि सरकारें भी बदली,कई नेताओं ने मार्ग का सर्वे कर फ़ोटो भी खिंचवाए,कई मंत्री भी इस सड़क से आते जाते है पर किसी ने सूंघ नही ली फिर भी हम बड़े दिलवाले जो उनको वोट देते है ।
हम लाखो बोईसरवासियों के लिए एक टूटा-फूटा सरकारी हॉस्पिटल था वो भी बंद हो गया,नेताओ द्वारा सिर्फ सपने दिखाए जाते है पर कोई बोल दे कि हमे किसी से कोई शिकायत हो,हम चुपचाप जेब मे पैसा भरकर निजी अस्पतालों में जाते है । और आपको हम बोईसरकरो के दिलदारी का कितना सबूत दे,अगर ज्यादा सोचने जाए या सब बताने जाए तो आंख से आंसू निकलने लग जाते है हमारे साथ हो रहे आपके व्यवहार से ……
“बुरा न मानो होली है”