लोगों की जेब काट रहा रेलवे,होली पर स्पेशल ट्रेनों में यात्रा के लिए वसूला जा रहा यात्रियों से मनमाना किराया

by | Mar 5, 2023 | उत्तर प्रदेश, देश/विदेश, पालघर, बिहार, महाराष्ट्र, मुंबई, राजस्थान, लखनऊ, वसई विरार

हेडलाइंस 18

रंगो के पर्व होली पर मुंबई से उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले यात्रियों में टिकट के लिए मारामारी मची है। लोग अपने गांव पहुंचकर होली का रंग अपनो के साथ खेलना चाहते है। रेलवे लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मनमाना किराया वसूल रही है। ऐसे में ट्रेन से सफर करना पैसेंजर्स के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है। और पैसेंजर्स की जेब ढीली हो रही है।

किसी भी त्योहार के सीजन में भारतीय रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनें चलाई जाती हैं ताकि यात्री सुविधा के साथ अपने-अपने घर पहुंच सकें। होली के त्योहार पर बढ़ी भीड़ की वजह से सामान्य ट्रेनों में लोगों को टिकट नहीं मिल रहा है।उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों में लंबी-लंबी वेटिंग लिस्ट चल रही है, जिनका कंफर्म होना असंभव सा है।

ऐसे में रेलवे लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। लेकिन अन्य ट्रेनों के मुकाबले स्पेशल गाड़ियों का किराया काफी ज्यादा है। मजबूरी में यात्री सामान्य ट्रेनों में लगने वाले किराए से अधिक किराया चुका कर स्पेशल ट्रेनों से सफर कर रहे है।

रेलवे इन स्पेशल ट्रेन के नाम पर 30 प्रतिशत अधिक किराया वसूल रहा है। दरअसल रेलवे ने फिलहाल किराया तो नहीं बढ़ाया लेकिन त्योहारों के मौके पर स्पेशल ट्रेन के माध्यम से अधिक किराया जरूर वसूल रहा है।

पालघर,बोईसर,वसई,विरार,दहानू,नालासोपारा जैसे इलाकों में रहने वाले हजारों लोग होली में उत्तर प्रदेश, बिहार अपने पैतृक गांव और शहरों की तरफ जरूर आते हैं। सामान्य ट्रेनों में उनको टिकट नहीं मिल रहा है तो मजबूरी में ऐसे यात्री सामान्य ट्रेनों में लगने वाले किराए से अधिक किराया चुका कर स्पेशल ट्रेनों से सफर कर रहे हैं। लेकिन इन

ट्रेनों का टिकट सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा 25% से 30% तक ज्यादा महंगा पड़ रहा है। 

रुटीन ट्रेनों की बजाए इन स्पेशल ट्रेनों में तत्काल कोटे से अधिक किराया लग रहा है। मुंबई से उत्तर भारत जाने में वातानुकूलित श्रेणी तीन से साढ़े चार सौ रुपए और स्लीपर में डेढ़ सौ से दो रुपए अधिक किराया लिया जा रहा है।
बोईसर की तारापुर एमआईडीसी में स्थित एक कंपनी में काम करने वाले विजय यादव कहते है,कि उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली सामान्य ट्रेनों पहले से ही 300 तक वेटिंग चल रही है। ऐसे में वह स्पेशल ट्रेन से ज्यादा किराया देकर अपने गांव जाने को मजबूर है।

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