पालघर के लोग पूछ रहे साहब…बिना शिक्षक कैसे जलेगी ज्ञान की लौ,पढ़े पूरा मामला

by | Feb 4, 2023 | देश/विदेश, पालघर, महाराष्ट्र, मुंबई

हेडलाइंस 18

विश्वगुरु बनने की चाहत रखने वाले भारत में गुरुओं की इतनी कमी है कि हजारों की संख्या में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली हैं। स्थानांतरण के कारण पालघर जिले में करीब नौ सौ शिक्षकों के पद रिक्त होने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। इससे छात्रों का शैक्षणिक भविष्य संकट में है।

पालघर जिला परिषद के 450 से अधिक शिक्षकों के दूसरे जिले में स्थानांतरण होगा। और 350 से अधिक शिक्षक ठाणे जिले भेजे जाएंगे। पालघर जिले में पहले से ही शिक्षकों के 27 फीसदी पद खाली है।

जिले में करीब दो हजार प्राथमिक विद्यालय हैं। पालघर जिले के अस्तित्व में आने के बाद से शिक्षकों की कमी है। कहीं चौथी तक तो कहीं सातवीं तक के स्कूल हैं। जिले की स्थापना के बाद से ही विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी रही है और यह आज भी जारी है। कई जगहों पर एक शिक्षक के भरोसे विद्यालय है और कई जगहों पर चार से पांच कक्षाओं के लिए केवल दो शिक्षक ही हैं। इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता पहले से ही खराब है।पालघर एक आदिवासी बहुल जिला है, इसलिए इस जिले में शिक्षकों का होना जरूरी था। लेकिन पालघर जिले में शिक्षको के बड़ी संख्या में पद जिले की स्थापना के बाद से रिक्त हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में शिक्षक अंतर-जिला स्थानांतरण के माध्यम से जिले से बाहर स्थानांतरित होने के आतुर हैं, लेकिन पालघर जिला परिषद ने 2019 2020 में आम बैठक में निर्णय लेकर शिक्षको के ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई थी।

पालघर जिले में पिछले सात-आठ साल से जिले के बाहर तबादले बंद थे। लेकिन अब सरकार ने 22 दिसंबर को अंतरजिला तबादला शिक्षकों को तबादला करने का फैसला लिया है, जिससे करीब 475 शिक्षकों का अन्य जिलों में तबादला होगा और ये पद खाली हो जायेगे। पालघर ठाणे जिले के बंटवारे के बाद समायोजन प्रक्रिया में जिन 375 शिक्षकों को ठाणे जिले में जाने का विकल्प दिया गया था, वे भी जिले से स्थानांतरित हो जायेंगे, ऐसे में वे पद भी रिक्त हो जायेंगे. इसके उलट पालघर जिले में तबादला या वैकल्पिक रूप से आने वाले शिक्षकों की संख्या न के बराबर है। जिससे इसका सीधा असर बच्चो की शिक्षा पर पड़ेगा।

पालघर जिला परिषद के स्कूलों में पहली से सातवीं तक विभिन्न माध्यमों के लगभग दो हजार स्कूल हैं। इन स्कूलों में लाखों छात्र पढ़ते हैं। 40 छात्रों की कक्षा के लिए एक शिक्षक की आवश्यकता होती है। वर्तमान में छात्रों की संख्या को देखते हुए चार कक्षाओं के लिए दो और कहीं-कहीं एक शिक्षक है। यदि शिक्षकों का तबादला कर दिया जाता है, तो ग्रामीण क्षेत्रों के कई विद्यालय बिना शिक्षक के हो जायेगे। हालांकि शिक्षक  अंतरजिला स्थानांतरण एवं वैकल्पिक प्रक्रिया से अन्य जिलों में जाएंगे, लेकिन प्रोन्नति व सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त पदों की संख्या भी अधिक है। इसलिए रिक्तियों में और इजाफा होगा।

शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव भेजा गया है। शिक्षको के पद भरे जाने तक शिक्षको का तबादला नही किया जाएगा।


पंकज कोरे,शिक्षण सभापति जिला परिषद पालघर

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