पालघर जिले में बिना मान्यता के चल रहे 143 स्कूल, शासन के नियमो की उड़ा रहे धज्जियां,अंधेरे में धकेल रहे हजारों बच्चो का भविष्य

by | Jan 18, 2023 | देश/विदेश, पालघर, महाराष्ट्र, मुंबई, वसई विरार

हेडलाइंस 18

शिक्षा नहीं, लूट का कारोबार बनते जा रहे फर्जी तरीके से चल रहे स्कूलों को नजरअंदाज किए जाने से जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है। बेहतर शिक्षा का प्रलोभन देकर बच्चों का प्रवेश करने वाले इन संस्थान के संचालकों द्वारा बच्चों के अभिभावकों की जेबों पर खुलेआम डांका डाला जा रहा है। पालघर जिले में 143 स्कूल अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे है। इनमे से सबसे ज्यादा 127 अवैध स्कूल वसई तालुका में चल रहे है। इन स्कूलों को बिना किसी डर के धडल्ले से संचालित किया जा रहा है। इन स्कूलों के 59 माध्यमिक और 84 प्राथमिक स्कूल है। वर्ष 2018 से 2022 के बीच जिले में अवैध विद्यालयों के विरुद्ध कुल 22 मामले दर्ज किये गये हैं, परन्तु अभी भी कई विद्यालयों का संचालन प्रभावी ढंग से किया जा रहा है, जिससे इन विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। लेकिन इस समस्या का स्थाई हल निकलता नही दिख रहा है। चार माध्यमिक विद्यालयों और बारह माध्यमिक विद्यालयों सहित कुल 16 विद्यालयों को निरीक्षण के बाद बंद कर दिया गया है, जबकि 49 माध्यमिक विद्यालय और 67 प्राथमिक विद्यालयों सहित कुल 116 फर्जी विद्यालय बिना किसी मान्यता के अभी भी खुले हुए हैं।शिक्षा विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर यह कहा गया था कि सरकार द्वारा 11 विद्यालयों को मान्यता की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। जिले के कुल 143 बिना मान्यता के स्कूलों में से अकेले वसई तालुका में 127 स्कूल हैं। पालघर तालुका में 9 वाडा तालुका में तीन, विक्रमगढ़ तालुका में, दो दहानू तालुका में 1 और जव्हार तालुका में 1 बिना मान्यता के  विद्यालय चल रहे हैं। इन्हे अवैध तरीके से संचालित करने की जानकारी शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी गई है। समाजसेवियों का कहना है, कि जिले में बड़े पैमाने पर कई वर्षों से खुलेआम फर्जी तरीके विद्यालय चल रहे हैं। और शिक्षा विभाग का इन्हे आश्रय मिलता है। जब वार्षिक परीक्षा का समय आता है तब शिक्षा विभाग को ऐसे स्कूलों का पता चलता है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों ने अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों के माध्यम से परीक्षा में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है। लोगों का कहना है, कि  सरकार इन फर्जी विद्यालयों का गंभीरता से संज्ञान ले और इन विद्यालय संचालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करे अथवा इन विद्यालयों को मान्यता देकर उन्हें वैध करने की अनुमति दे ताकि छात्रों एवं उनके अभिभावकों पर पड़ने वाले मानसिक तनाव को दूर किया जा सके और विद्यार्थियों की शिक्षा का मार्ग सुगम हो सके।

कार्यवाही के नाम पर दिखावा

शिक्षा विभाग बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर कार्यवाही करता रहता है। जो दिखावा और कागजी कार्यवाही ज्यादा आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जिससे फर्जी स्कूलों की संख्या बढ़ती दिख रही है। और शिक्षा विभाग का कार्य सिर्फ इन स्कूलों में विद्यार्थियों के प्रवेश न लेने की चेतावनी देने तक सीमित रह गया है।

छात्रों की शैक्षणिक नुकसान को रोकने के लिए हर साल ऐसे स्कूलों के प्रति सहानुभूति दिखाई जाती है। जो इन स्कूलों के पढ़ने वाले छात्रों और अभिभावकों के साथ धोखा है। नियमों पर खरा न उतरने वाले स्कूलों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। 

सुशील शेजुले

सदस्य, मराठी अध्ययन केंद्र

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