गुजरात में चुनाव के बाद इस चीज का सर्वे किया गया है कि इस बार किस जाति-वर्ग और समुदायों के मतदाताओं ने किस दल के प्रति कितना समर्थन दिखाया है।चुनाव परिणाम आने के बाद लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) ने विस्तार से एक सर्वे किया है, जिससे पता चला है कि बीजेपी को मिले विशाल जनसमर्थन में किस जाति और समुदायों का कितना सहयोग रहा है।
गुजरात चुनाव में भाजपा एक बार फिर से असल ‘हिंदुओं’ की पार्टी बनकर उभरी है। उसे हिंदुओं की सभी जातियों में बाकी दोनों प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले काफी भारी समर्थन हासिल हुआ है।
मुसलमानों के बीच भाजपा की लोकप्रियता कम हुई’ 2017 के चुनाव की तुलना में बिना किसी असमंजस के भाजपा का वोट शेयर ऊंची जातियों, पाटीदारों, ओबीसी, दलित और आदिवासी हर समाज में बढ़ गया है। लेकिन, मुसलमानों के बीच पार्टी की लोकप्रियता कम से कम गुजरात में कम होती नजर आई है। क्योंकि, 2017 में गुजरात में मुसलमान मतदाताओं में भाजपा का वोट शेयर 27% था, जो कि 2022 में लगभग आधा या 14% ही रह गया है।
गुजरात में इस बार करीब दो-तिहाई (64%) मुसलमान वोटरों ने कांग्रेस को वोट दिया है। जबकि, आम आदमी पार्टी को वोट देने वाले हर 10 मुसलमान में से सिर्फ 1 ही मतदाता था। यानि गुजरात में मुस्लिम वोटरों के मामले में आम आदमी पार्टी से ज्यादा (14%) लोकप्रिय रही है।