चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है. जिसके मद्देनजर 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए उद्धव ठाकरे और शिंदे गुट में से किसी को भी “शिवसेना” के लिए आरक्षित “धनुष और तीर” के चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं दोनों गुटों को 10 अक्टूबर दोपहर 1 बजे तक अपने-अपने चुनाव चिन्ह आयोग में पेश करने होंगे. दोनों पक्ष फ्री सिंबल्स में से अपनी पसंद प्राथमिकता के आधार पर बता सकेंगे. आयोग ने अपने फरमान में दोनो धड़ों को ये छूट जरूर दी है कि दोनों अपने नाम के साथ चाहे तो सेना शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं. बहरहाल आयोग के पास नाम और फ्री सिंबल्स में से तीन विकल्प प्राथमिकता के आधार पर बताने ही होंगे.
आयोग ने दोनों गुटों को इन उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचित मुक्त प्रतीकों की सूची में से अलग-अलग चुनाव चिन्ह चुनने को कहा है. उद्धव और शिंदे गुट, दोनों को ही केंद्रीय चुनाव आयोग को 10 अक्टूबर तक नए चुनाव चिन्ह और अपने दल के नाम के बारे में बताना है जिनको वह इस अंतरिम आदेश के लागू रहने तक अपनाना चाहते हैं.
दोनों गुटों से मिली जानकारी के आधार पर केंद्र चुनाव आयोग, दोनों को अलग-अलग नाम और चुनाव चिन्ह आवंटित करेगा जो चुनाव आयोग के अंतिम फैसले तक जारी रहेगा. आगामी उपचुनाव के दौरान भी दोनों गुट उसी पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ पाएंगे.