भारतीय रेलवे का आए दिन कोई ना कोई वीडियो अक्सर सामने आता है, जो भारतीय रेलवे की व्यवस्था की पोल खोलता है। हम में से कई लोगों ने उस वीडियो को देखा होगा जिसमें रेलवे कैटरिंग का वर्कर अपने चाय में टॉयलेट में यूज होने वाला पानी मिला रहा था।
अब हेडलाइंस 18 के हाथों वो वीडियो है जो भारतीय रेलवे की पोल खोलता है कि रेलवे में कौन क्या खाना-पीना बेचकर जा रहा है उसमे खाना भी है या जहर परोसा जा रहा है इस सुरक्षा को लेकर आज भी भारतीय रेलवे कमजोर है,रेलवे में बिना परमिशन अनजान लोगो को खाद्य पदार्थ व अन्य सामान बेचने के विषय को गंभीरता से लेना होगा । यह हजारों लोगों के लिए नही बल्कि रेलवे में सफर कर रहे अनगिनत लोगो के जान पर भी भारी पड़ सकता है । बोईसर निवासी ग्राहक सरंक्षण फाउंडेशन के सदस्य व गौभक्त के नाम से जानेजाते लक्ष्मण कचरु बेदाडे व उनके सहयोगी दयाकर उर्फ पिंटू मिश्रा ने मिलकर गाड़ी क्रमांक 19027 जम्मूतवी विवेक एक्सप्रेस,14610 हेमकुंठ एक्सप्रेस,19926 पठानकोट-अमृतसर व 12926 पश्चिम एक्सप्रेस में पानी व चाय की घटिया क्वालिटी व मुंह मांगे दाम वसूलने का मामला सामने लाया । इसकी शिकायत भी सम्बंधित विभाग को कर दी है पर देखते है कब रेलवे ऐसे लोगो के खिलाफ एक्शन लेती है ।
ट्रेनों में खानपान का सामान धड़ल्ले से बेचा जाता रहा है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ऑपरेटिंग और कामर्शियल विभाग की इसे रोकने की जिम्मेदारी होती है। समय-समय पर विजिलेंस और स्पेशल टीमें भी छापामारी करती रहीं, लेकिन अवैध वेंडरों पर अंकुश नहीं लग सका। आखिर रेलवे ने सीमित आजादी देते हुए प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन में खानपान की सामग्री बेचने की अनुमति दे दी। इसके लिए स्टॉल मालिक को अलग से लाइसेंस लेना होगा।ट्रेनों में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों में पंजीकृत वेंडरों पर भी पाबंदी लगा रखी थी।