दमोह में महिला सरपंच का ‘फरमान’:गांव में शराब पीकर आने वालों को नो एंट्री, शराब बेचने पर भी पाबंदी; नियम नहीं माना तो मिलेगी सख्त सजा
दमोहएक दिन पहले
गांव की महिलाओं ने अभियान को लेकर पुलिस से सहयोग मांगा है। गांव की महिलाओं ने अभियान को लेकर पुलिस से सहयोग मांगा है।
दमोह के पटेरा ब्लॉक के छेवला दुबे गांव में महिला सरपंच ने शराब को लेकर फरमान जारी किया है। कहा गया कि अब से गांव में न कोई शराब बेच सकता है और न ही कोई शराब पीकर गांव में घुस सकता है। सरपंच का कहना है कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर सरपंच ने थाने में ज्ञापन भी दिया है। उन्होंने इस अभियान में पुलिस की सहायता मांगी है।
गांव की सरपंच ओमवती अठ्या का कहना है कि गांव के लोगों ने यह तय किया है कि अब गांव में न तो शराब बेची जाएगी और न ही कोई शराब पीकर गांव में आएगा। यदि कोई इस नियम को तोड़ता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि नशा मुक्त अभियान के लिए काम कर रहे भगवती मानव कल्याण संगठन के लोग भी उनके साथ हैं। सरपंच ने बताया कि पंचायत ने अपनी तरफ से अभी कोई सजा तय नहीं की है। अवैध शराब बेचने या शराबखोरी करने को लेकर जो कानूनी कार्रवाई होती है, पुलिस के माध्यम से वही कराई जाएगी।
इसलिए लेना पड़ा फैसला
शराब पीने के कारण एक तो समाज में लोग खासतौर पर युवा नशे का शिकार हो रहे हैं। जिससे वह कई बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। दूसरी बात यह है कि शराब के नशे में लोग गांव के बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना छोड़ देते हैं। जिससे सामाजिक वैमनस्यता फैलती है। इन तमाम चीजों को रोकने के लिए सर्व समिति के पंचायत ने यह फैसला लिया है। जिसमें ग्रामीणों ने अपनी सहमति दी है।
थाना प्रभारी ने दिया आश्वासन
थाना प्रभारी प्रसीता कुर्मी का कहना है कि गांव के लोगों ने एक अच्छी पहल की है। अपने गांव को नशा मुक्त करने के लिए पंचायत ने फैसला किया है कि गांव में शराबखोरी नहीं होगी और न ही शराब बेची जा सकती है। उन्होंने ग्रामीणों के इस फैसले का समर्थन किया है और उन्हें पूरा आश्वासन दिया है कि भी गांव के लोगों को उनकी मदद की जरूरत होगी। प्रभारी वहां पहुंचकर उनका सहयोग करेगी।