तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान से आ रही तस्वीरें विचलित करने वाली हैं। तालिबान दुनिया के सामने इस बार खुद को ‘बदला हुआ’ और ‘उदार’ दिखाने की भरपूर कोशिश कर रहा है लेकिन काबुल की तस्वीरें उसके इस ‘मुखौटे’ को उतार फेंक रही हैं। मुखौटा उन देशों का भी उतरा है जो भारत के संशोधित नागरिकता कानून (CAA) में मुस्लिमों को शामिल नहीं करने का विरोध कर रहे थे लेकिन आज अफगानिस्तान के मुस्लिम शरणार्थियों के लिए ही अपने दरवाजे एक तरह से बंद रखे हैं।
खुद को मुस्लिम हितों का कथित चैंपियन और दुनियाभर के मुसलमानों का कथित रहनुमा दिखाने की कोशिश के तहत तुर्की ने भारत के संशोधित नागरिकता कानून का विरोध किया था। इस लिस्ट में ईरान, यूएई और बांग्लादेश भी शामिल हैं। आज काबुल से डराने वाली तस्वीरें आ रही हैं। एयरपोर्ट पर भेड़-बकरियों की तरह इंसानों के प्लेन में लदने, किसी तरह चढ़ने की कोशिश, बीच हवा में प्लेन से गिरने की तस्वीरें…हजारों लोग किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान से सही सलामत बाहर निकलना चाह रहे हैं। लेकिन न तो तुर्की ने, न ही ईरान ने इन असहाय लोगों के लिए हाथ बढ़ाया है। तुर्की ने तो ईरान के साथ लगती अपनी सीमा पर तेजी से कंक्रीट की दीवार खड़ी कर दी है ताकि अफगानिस्तान के शरणार्थी ईरान के रास्ते उसके यहां दाखिल न हो सकें।
काबुल से आ रहीं तस्वीरें दिलों को झकझोर देने वाली हैं। जब यह हाल राजधानी का है तो अफगानिस्तान के सुदूर इलाकों में तालिबान का किस कदर खौफ होगा या यह आतंकी समूह कितनी क्रूरता कर रहा होगा, उसकी कल्पना भर से रूह कांप जाएगी। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) के मुताबिक, इस साल हिंसा की शुरुआत के बाद से अबतक अफगानिस्तान के साढ़े 5 लाख से ज्यादा लोग अपने घरों को छोड़कर भाग चुके हैं।